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एन. डी. तिवारी एक बड़ी राजनीतिक हस्ती हैं। उनसे जुड़कर जो फ़ायदे उज्जवला ने उठाये हैं, उनकी ख़ातिर उसने उस नुक्सान की अनदेखी कर दी, जो उसे आज पहुंच रहा है।
लालच का अंजाम आज दोनों को बुढ़ापे में मिल रहा है। करते मां बाप हैं और उनके कर्मों को भुगतती है उनकी औलाद। रोहित को देखकर यह बात बख़ूबी समझ में आ जाती है।
सवाल यह उठता है कि उज्ज्वला ने बिना शादी के केवल वादे पे शारीरिक सम्बन्ध बनाये ही क्यों ?
गलत तरीके से बनाये रिश्तों का अंजाम यही हुआ करता है जो रोहित और उज्ज्वला के मामले में हुआ | रोहित का दर्द अपनी जगह सही है लेकिन उसके ज़िम्मेदार उसके माता और पिता दोनों बराबर हैं |
यह समस्या केवल उज्ज्वला की ही नहीं है | आज हर रोज़ शादी के वादे पे शारीरिक संबंधों कि खबरें आया करती हैं | ना जायज़ औलाद का कूड़े दान में मिलना, या गर्भपात करवाना भी आम हो गया है | ऐसी गलती का ज़िम्मेदार केवल महिला या पुरुष को बना देना सही नहीं |
शादी के पहले शारीरिक सम्बन्ध बना लेना दोनों की मिली जुली गलती है और सजा मिलती है जन्म लेने वाली औलाद को | इसका हल यही है सभी लोग जायज़ और नाजायज़ का फर्क समझें | और ऐसा कोई काम न करें जिसे समाज के सामने सर उठा के बता न सकें |
Source : http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/07/n-d-tiwari-rohit.html
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