Menu
blogid : 4109 postid : 35

‘फ़ैमिली बैकग्राउंड‘ एक दिन में नहीं बनता Family Background

वेद क़ुरआन
वेद क़ुरआन
  • 98 Posts
  • 176 Comments

एक हिंदी कवयित्री बलॉगर ने अपनी पत्रिका के लिए मुझसे ‘फैमिली बैकग्राउंड’ पर लिखने के लिए कहा तो मैंने कल ये पंक्तियाँ लिखी थीं , इन्हें मैं आपकी खिदमत में पेश करता हूँ क्योंकि आप अपने लिए एक बहू ढूँढ रही हैं :-

अपनी बेटी को किसी घर की बहू बनाने से पहले या फिर किसी लड़की को अपने घर की बहू बनाने से पहले उन्हें भी देखा जाता है और उनकी फ़ैमिली को भी और उनके ‘फ़ैमिली बैकग्राउंड‘ को भी। फ़ैमिली बैकग्राउंड में परिवार की सभी उपलब्धियां आ जाती हैं। इसमें उसकी वंशावली और उसका इतिहास भी आता है और समाज में उसकी मौजूदा हैसियत और कैफ़ियत भी आ जाती है कि समाज में उसकी शोहरत अच्छी है या ख़राब है। यह फ़ैमिली बैकग्राउंड न तो एक दिन में बनता है और न ही कोई एक आदमी इसे बनाता है बल्कि इसमें परिवार के पूर्व और मौजूदा सभी सदस्यों का योगदान होता है और किसी भी परिवार की सोच-विचार और आचरण को जानने का यह एक बेहतरीन तरीक़ा है। जो परिवार इस पैमाने पर पूरे उतरते हैं, उन्हें समाज में इज़्ज़तदार और शरीफ़ ख़ानदान माना जाता है। ऐसे लोगों से जुड़ने की ख्वाहिश में ही आदमी फ़ैमिली बैकग्राउंड के बारे में पता करता है।

Read Comments

    Post a comment