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महक तेरी ही आती है मेरे वुजूद से Mahak

वेद क़ुरआन
वेद क़ुरआन
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mahak

रफ़्ता रफ़्ता मिटती जा रही है
हर बात
जो ज़ायद है
मेरे वुजूद से
लेकिन
आज भी
महक तेरी ही आती है
मेरे वुजूद से

By : Dr. Anwer Jamal

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